Wednesday, August 15, 2012

लाल....






तज दियो है लाल रंग ,
उजलों ही अब भाए रे ,
धूल धूसर में भी लाग्यो रे चोखा ,
म्याहरे शिव भी उसमे समाये रे ,
सब रंगों का है एक रंग ये ,
उजलों ही अब भाए रे .....
हाँ –
उजलों ही अब भाए रे ......!!!!

[उजलों = सफ़ेद ]


प्रियंका राठौर 

8 comments:

  1. शांति का रंग तो ये ही है ... पर अपने तिरंगे का रंग भी तो चोखा है ...
    १५ अगस्त की बहुत शुभकामनायें ...

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  2. nice one!! short yet clear and sweet!!!

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  3. उजला तो सभी को भाता है यार मगर कितने लोग है जो उजले को उजला ही रहने दें....

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  4. सार्थक सृजन , आभार.

    मेरे ब्लॉग की नवीनतम पोस्ट पर आपका स्वागत है .

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  5. बहुत खूब |

    मेरा ब्लॉग आपके इंतजार मे,समय मिले तो बस एक झलक-"मन के कोने से..."

    आभार...|

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