Tuesday, October 30, 2012

मेरी दुनिया .....



मै  नहीं जानती .....
कि  दुनिया में क्या हो रहा है ,
या क्या घट रहा है ....

मै  नहीं जानती .....
कि  अमेरिकी तट  पर 
आया हरिकेन क्यूँ आया .....
मै नहीं जानती 
कि लोग उसे सैंडी 
क्यूँ कह रहे हैं .....

या फिर 
ओबामा और रोमनी में 
कौन अमेरिकी सत्ता संभालेगा ......

मै  नहीं जानती .....
कि आर बी आइ की नीति के 
उतार चढाव क्या हैं ,
महंगाई बढ़ेगी या घटेगी .....

या फिर 
सब्सिडी का बोझ किस तरह 
अर्थव्यवस्था को हिलाता है ,
और राजकोषीय घाटे को कम 
करने के क्या उपाय हो सकते हैं .....

मै  नहीं जानती 
कि प्रधानमंत्री मौन क्यों हैं 
या फिर 
बढ़ते हुए घोटालों के 
पीछे के उद्गार क्या हैं .......

मै  कुछ नहीं जानती ....
लेकिन -
शायद -
कुछ जानती भी हूँ .....

हाँ -
मै  जानती हूँ .....
कि सुबह की चाय में 
अदरक जरूर डालना है ,
नहीं तो तुम्हारा पूरा दिन 
सर्दी से ख़राब हो जायेगा ......

हाँ -
मै  जानती हूँ .....
कि तुम्हे खाने में क्या पसंद है ,
मुझे डिनर और लंच में क्या पकाना है ......

मै  जानती हूँ .....
ऑफिस से लौटने पर की 
तुम्हारी झुंझलाहट 
तुम्हारा गुस्सा नहीं ,
तुम्हारी थकान है .......

मै ये भी जानती हूँ ....
तुम्हारे बालों पर 
मेरे हाथ फेरने से ही ,
तुम्हे नींद आती है ......

हाँ -
मै ये  जानती हूँ ....
तुम्हारी माँ को मेरे 
सर पर रखा पल्लू पसंद है ,
और तुम्हारे पिता को 
हर सुबह मेरा उनके 
पैरों को छूना पसंद है .....

और तो  और 
मै  ये भी जानती हूँ ....
तुम्हारे भाई बहन सिर्फ 
मेरे हाथ की बनी 
दाल -बाटी खाते हैं .......

यही मेरा सच है ,
दुनिया को ना जानकर भी ,
मै  सब कुछ जानती हूँ ......

क्योकि -
मेरी दुनिया तुमसे है ,
मेरी दुनिया तुममे है .....!!!!!!!!!


प्रियंका राठौर 


22 comments:

  1. नई दुनिया में प्रवेश पर ...नई सोच ..नई सी बाते ...पर सबकी एक सी ही कहानी कहती हुई सी .....बहुत खूब

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  2. बहुत प्यारी रचना प्रियंका...
    बेहद कोमल एहसास..........

    अनु

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  3. पूरी दुनिया तुम हो ... फिर भी सारी मतलब देश विदेश की बातें लिख दीं ... बहुत सुंदर रचना

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  4. स्‍वम से सम्‍बिन्‍धत तो सभी बाते सभी को पता है पर बाहर से सम्‍बन्धि नही वाह कयो की यही कारण है की जो देश मे घटित हो रहा है यही वजह है व्‍यग्‍यात्‍मक टिपप्‍णी बहुत सुन्‍दर


    यूनिक ब्लॉग---------जीमेल की नई सेवा

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  5. sach me.....maine apki rachna kai baar padhi.... har pankti dil ko chu gayi.....

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  6. क्योकि -
    मेरी दुनिया तुमसे है ,
    बहुत सुंदर अहसासों से भरी खूबसूरत कविता,,,,,बधाई प्रियंका जी,,,,

    RECENT POST LINK...: खता,,,

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  7. बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति .पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब,बेह्तरीन अभिव्यक्ति

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  8. aap sabhi ka bahut bahut dhanybaad ....

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  9. कोमल भाव लिए रचना..
    सुन्दर...
    :-)

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  10. bahut kuchh jante huye bhi khud ko samet liya hai choti choti khushiyon me. sunder rachna.

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  11. bahut achi lagi aapki posts aap aise hi likhte rahiye

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  12. बहुत भावपूरण प्रियंका ...सच में अपने आप में सम्पूर्ण है आपकी रचना ,,,बधाई...

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  13. नमस्ते दीदी जी अभी आपका मधुशाला कहानी ब्लाग पढा । बहुत ही सुनदर रचना है । एक पढना शुरू किया तो उसी मे खोकर रह गया ।फेसबुक पर तो कमेन्टस करने का ओपशन है नही इसलिये यही पर पढ लुगा । क्या आप गुगल पर भी है ?

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  14. नमस्ते दीदी जी अभी आपका मधुशाला कहानी ब्लाग पढा । बहुत ही सुनदर रचना है । एक पढना शुरू किया तो उसी मे खोकर रह गया ।फेसबुक पर तो कमेन्टस करने का ओपशन है नही इसलिये यही पर पढ लुगा । क्या आप गुगल पर भी है ?

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