मै नहीं जानती .....
कि दुनिया में क्या हो रहा है ,
या क्या घट रहा है ....
मै नहीं जानती .....
कि अमेरिकी तट पर
आया हरिकेन क्यूँ आया .....
मै नहीं जानती
कि लोग उसे सैंडी
क्यूँ कह रहे हैं .....
या फिर
ओबामा और रोमनी में
कौन अमेरिकी सत्ता संभालेगा ......
मै नहीं जानती .....
कि आर बी आइ की नीति के
उतार चढाव क्या हैं ,
महंगाई बढ़ेगी या घटेगी .....
या फिर
सब्सिडी का बोझ किस तरह
अर्थव्यवस्था को हिलाता है ,
और राजकोषीय घाटे को कम
करने के क्या उपाय हो सकते हैं .....
मै नहीं जानती
कि प्रधानमंत्री मौन क्यों हैं
या फिर
बढ़ते हुए घोटालों के
पीछे के उद्गार क्या हैं .......
मै कुछ नहीं जानती ....
लेकिन -
शायद -
कुछ जानती भी हूँ .....
हाँ -
मै जानती हूँ .....
कि सुबह की चाय में
अदरक जरूर डालना है ,
नहीं तो तुम्हारा पूरा दिन
सर्दी से ख़राब हो जायेगा ......
हाँ -
मै जानती हूँ .....
कि तुम्हे खाने में क्या पसंद है ,
मुझे डिनर और लंच में क्या पकाना है ......
मै जानती हूँ .....
ऑफिस से लौटने पर की
तुम्हारी झुंझलाहट
तुम्हारा गुस्सा नहीं ,
तुम्हारी थकान है .......
मै ये भी जानती हूँ ....
तुम्हारे बालों पर
मेरे हाथ फेरने से ही ,
तुम्हे नींद आती है ......
हाँ -
मै ये जानती हूँ ....
तुम्हारी माँ को मेरे
सर पर रखा पल्लू पसंद है ,
और तुम्हारे पिता को
हर सुबह मेरा उनके
पैरों को छूना पसंद है .....
और तो और
मै ये भी जानती हूँ ....
तुम्हारे भाई बहन सिर्फ
मेरे हाथ की बनी
दाल -बाटी खाते हैं .......
यही मेरा सच है ,
दुनिया को ना जानकर भी ,
मै सब कुछ जानती हूँ ......
क्योकि -
मेरी दुनिया तुमसे है ,
मेरी दुनिया तुममे है .....!!!!!!!!!
प्रियंका राठौर
नई दुनिया में प्रवेश पर ...नई सोच ..नई सी बाते ...पर सबकी एक सी ही कहानी कहती हुई सी .....बहुत खूब
ReplyDeletebahut bahut dhanybaad anju ji ... :)
Deleteवाह .. बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत प्यारी रचना प्रियंका...
ReplyDeleteबेहद कोमल एहसास..........
अनु
पूरी दुनिया तुम हो ... फिर भी सारी मतलब देश विदेश की बातें लिख दीं ... बहुत सुंदर रचना
ReplyDeletevishv darshan karaa diyaa aapne aaj to...!!
ReplyDeleteस्वम से सम्बिन्धत तो सभी बाते सभी को पता है पर बाहर से सम्बन्धि नही वाह कयो की यही कारण है की जो देश मे घटित हो रहा है यही वजह है व्यग्यात्मक टिपप्णी बहुत सुन्दर
ReplyDeleteयूनिक ब्लॉग---------जीमेल की नई सेवा
शानदार
ReplyDeletesach me.....maine apki rachna kai baar padhi.... har pankti dil ko chu gayi.....
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 01- 11 -2012 को यहाँ भी है
ReplyDelete.... आज की नयी पुरानी हलचल में ....
इस बार करवाचौथ पर .... एक प्रेम कविता --.। .
क्योकि -
ReplyDeleteमेरी दुनिया तुमसे है ,
बहुत सुंदर अहसासों से भरी खूबसूरत कविता,,,,,बधाई प्रियंका जी,,,,
RECENT POST LINK...: खता,,,
बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति .पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब,बेह्तरीन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteaap sabhi ka bahut bahut dhanybaad ....
ReplyDeleteकोमल भाव लिए रचना..
ReplyDeleteसुन्दर...
:-)
bahut kuchh jante huye bhi khud ko samet liya hai choti choti khushiyon me. sunder rachna.
ReplyDeleteaap bahut kuchh janti hai.
ReplyDeleteThis is really interesting...:)
ReplyDeletebahut achi lagi aapki posts aap aise hi likhte rahiye
ReplyDeleteबहुत भावपूरण प्रियंका ...सच में अपने आप में सम्पूर्ण है आपकी रचना ,,,बधाई...
ReplyDeleteनमस्ते दीदी जी अभी आपका मधुशाला कहानी ब्लाग पढा । बहुत ही सुनदर रचना है । एक पढना शुरू किया तो उसी मे खोकर रह गया ।फेसबुक पर तो कमेन्टस करने का ओपशन है नही इसलिये यही पर पढ लुगा । क्या आप गुगल पर भी है ?
ReplyDeleteनमस्ते दीदी जी अभी आपका मधुशाला कहानी ब्लाग पढा । बहुत ही सुनदर रचना है । एक पढना शुरू किया तो उसी मे खोकर रह गया ।फेसबुक पर तो कमेन्टस करने का ओपशन है नही इसलिये यही पर पढ लुगा । क्या आप गुगल पर भी है ?
ReplyDeleteआह!! अद्भुत!!
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