बहुत याद आये है वह
गुजरा जमाना .....!
वो चाय की प्याली
और तेरा रूठ जाना |
रूठने मनाने के झगड़े में
वो तेरा चेहरे पर से
जुल्फों को हटाना ....!
बहुत याद आये है वह
गुजरा जमाना .....!
वो भागते हुए तेरा
ट्रेन पकड़ना और
पानी की बोतल घर भूल जाना
वो फोन की ट्रिंग ट्रिंग
वो तेरा झल्लाना
और फिर हौले से कहना ,
जो 'तुम' हो तो
अच्छा है यह भूल जाना |
बहुत याद आये है वह
गुजरा जमाना .....!
वो तेरी दोस्तों के साथ
रातों की मस्ती और
सुबह के इम्तेहान का हव्वा
फिर भी तेरा यह
कह के सो जाना
उठाने के लिए तुम हो
तो कल से क्या घबराना |
बहुत याद आये है वह
गुजरा जमाना .....!
वो जे ऐन यू की खूबसूरत बलाएँ
और तुम्हारा उनमे उलझ जाना
हर दिन का पूरा किस्सा सुनाना
या कभी कहना
विजी हूँ .. डिस्टर्ब ना करना
फिर बापस आके मुस्कराते हुए कहना
हर कोई तुमसा क्यों नहीं होता ... !
बहुत याद आये है वह
गुजरा जमाना .....!
प्रियंका राठौर
जे ऐन यू का नाम आ गया तो सच में गुजरे जमाने याद आ गए :(
ReplyDeleteबहुत याद आये है वह
ReplyDeleteगुजरा जमाना .....!
बहुत बढ़िया,सुंदर सृजन !
RECENT POST : मर्ज जो अच्छा नहीं होता.
आस पास बिखरी चीज़ों से बुना प्रेम ओर गहरे एहसास का ताना बाना ...
ReplyDeleteसुन्दर भावपूर्ण रचना ...
बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteनई पोस्ट : भारतीय संस्कृति और कमल
नई पोस्ट : पुरानी डायरी के फटे पन्ने
"http://hindibloggerscaupala.blogspot.com/"> {शुक्रवार} 4/10/2013 पर आपकी इस उत्तम रचना को शामिल किया गया हैं कृपया अवलोकनार्थ पधारे
ReplyDeleteबहुत याद आये है वह
ReplyDeleteगुजरा जमाना .....!
......अच्छी रचना...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.
beautiful
ReplyDeletebahut apni see lagi aap ki rachna .. bahut sundar
ReplyDeleteगज़ब ......बहुत सुंदर रचना ..
ReplyDeletebahut sundar rachna.....
ReplyDeleteबीती बातें और रीता मन ही झकझोरता है
ReplyDeleteबहुत बढ़िया...
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