Saturday, February 11, 2012

वो लम्हा .....





रात के अँधेरे में
डूबा हुआ वह लम्हा
जिसमे तुम्हारा जाना
निश्चित था ......
कहीं दूर से आती हुयी
रौशनी की एक किरण
तुम्हारे चेहरे को
रोशन कर रही थी
और तुम्हारी आँखे
कुछ गीली सी
कुछ ठहरी सी
जिनमे सबको भरकर
साथ ले जाने की उत्कंठा थी ....
अलविदा ना कहना
चाहते हुए भी
अलविदा कह रही थीं .....
उन आँखों में
उस चेहरे में
पल कहीं रुक सा गया है
इन रुके हुए पलों में
शेष है – सिर्फ तुम्हारा इन्तेजार
तुम आओगे
और –
फिर एक लम्हा जुड जायेगा
इन रुके हुए पलों में ..........!!!!!



प्रियंका राठौर 

27 comments:

  1. फिर एक लम्हा जुड जायेगा
    इन रुके हुए पलों में ..........!!!!!बहुत ही प्यारी और भावो को संजोये रचना......

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  2. रात के अँधेरे में
    डूबा हुआ वह लम्हा
    जिसमे तुम्हारा जाना
    निश्चित था ......

    har shabd ek pyara si yaad ko taaza kar gaya

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  3. खूबसूरत पल का इंतज़ार ... अच्छी लगी रचना

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  4. कुछ भाव मनःस्थिति की दशा बताते हैं ... मरीचिका से हालात

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  5. प्रियंका जी, आपकी काव्यानुभूति की बनावट में सच्ची, खरी और एक सजग आधुनिक मनुष्य की संवेदना का योग महसूस होता है | मैंने पाया है कि आपकी कविता का बोध एकायामी नहीं बल्कि बहुआयामी है और उनमें जीवन के अनछुए अनुराग अभिव्यक्ति पाते हैं |

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  6. बेहद सुन्दर प्रस्तुति छुटकी ...
    "जिनमे सबको भरकर
    साथ ले जाने की उत्कंठा थी" ---- सब कहती हुई पंक्ति !
    सादर !

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  7. इन्तज़ार की हद थी

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  8. कल 13/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  9. बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 13-02-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ

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  10. बहुत सुन्दर रचना है |शब्द चयन भी गहराई लिए |बधाई
    आशा

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  11. तुम आओगे
    और
    फिर एक लम्हा जुड जायेगा
    इन रुके हुए पलों में

    ये पल, ये लम्हे जीवन यात्रा के खूबसूरत पड़ाव हैं।
    सुंदर कविता।

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  12. achchhe shabdo se saji kavita..badhiya

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  13. पल कहीं रुक सा गया है
    इन रुके हुए पलों में
    शेष है – सिर्फ तुम्हारा इन्तेजार ..

    बहुत बहुत सुन्दर ...

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  14. इन रुके हुए पलों में
    शेष है – सिर्फ तुम्हारा इन्तेजार..bahut hi sundar....

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  15. इन रुके हुए पलों में
    शेष है – सिर्फ तुम्हारा इन्तेजार
    तुम आओगे
    और –
    फिर एक लम्हा जुड जायेगा
    इन रुके हुए पलों में ..........!!!!!

    bahut khoob

    http://www.poeticprakash.com/

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  16. शेष है – सिर्फ तुम्हारा इन्तेजार
    तुम आओगे
    और –
    फिर एक लम्हा जुड जायेगा
    wAH KYA KHOOB LIKHA HAI APNE ...BADHAI

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  17. तुम आओगे
    और
    फिर एक लम्हा जुड जायेगा
    इन रुके हुए पलों में
    वाह ...बहुत बढि़या।

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  18. बहुत ही सुन्दर...
    बेहतरीन रचना....

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  19. खूबसूरत रचना...

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  20. sundar panktiyaan :)


    palchhin-aditya.blogspot.in

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  21. बहुत ही खूबसूरत भाव संयोजन प्रियंका जी...

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  22. aapki rachnaa ne mere hrdy patal ko abhibhoot kar diyaa ,bahut sundar rachna hai

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  23. achchi post par shayad kisi ne sach hi kaha hai maja bhi to intjar me hi hai........
    lmbe intjar ke bad jab kuch milta hai to uski sukhad anubhuti hi kuch aur hoti hai

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  24. आज 15/05/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  25. तुम आओगे
    और –
    फिर एक लम्हा जुड जायेगा
    इन रुके हुए पलों में ..........!

    खूबसूरत......

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