रात के अँधेरे में
डूबा हुआ वह लम्हा
जिसमे तुम्हारा जाना
निश्चित था ......
कहीं दूर से आती हुयी
रौशनी की एक किरण
तुम्हारे चेहरे को
रोशन कर रही थी
और तुम्हारी आँखे
कुछ गीली सी
कुछ ठहरी सी
जिनमे सबको भरकर
साथ ले जाने की उत्कंठा थी ....
अलविदा ना कहना
चाहते हुए भी
अलविदा कह रही थीं .....
उन आँखों में
उस चेहरे में
पल कहीं रुक सा गया है
इन रुके हुए पलों में
शेष है – सिर्फ तुम्हारा इन्तेजार
तुम आओगे
और –
फिर एक लम्हा जुड जायेगा
इन रुके हुए पलों में ..........!!!!!
प्रियंका राठौर
फिर एक लम्हा जुड जायेगा
ReplyDeleteइन रुके हुए पलों में ..........!!!!!बहुत ही प्यारी और भावो को संजोये रचना......
रात के अँधेरे में
ReplyDeleteडूबा हुआ वह लम्हा
जिसमे तुम्हारा जाना
निश्चित था ......
har shabd ek pyara si yaad ko taaza kar gaya
खूबसूरत पल का इंतज़ार ... अच्छी लगी रचना
ReplyDeleteकुछ भाव मनःस्थिति की दशा बताते हैं ... मरीचिका से हालात
ReplyDeleteप्रियंका जी, आपकी काव्यानुभूति की बनावट में सच्ची, खरी और एक सजग आधुनिक मनुष्य की संवेदना का योग महसूस होता है | मैंने पाया है कि आपकी कविता का बोध एकायामी नहीं बल्कि बहुआयामी है और उनमें जीवन के अनछुए अनुराग अभिव्यक्ति पाते हैं |
ReplyDeleteबेहद सुन्दर प्रस्तुति छुटकी ...
ReplyDelete"जिनमे सबको भरकर
साथ ले जाने की उत्कंठा थी" ---- सब कहती हुई पंक्ति !
सादर !
इन्तज़ार की हद थी
ReplyDeleteकल 13/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 13-02-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ
बहुत सुन्दर रचना है |शब्द चयन भी गहराई लिए |बधाई
ReplyDeleteआशा
pal aise hee judte rahein!
ReplyDeleteतुम आओगे
ReplyDeleteऔर
फिर एक लम्हा जुड जायेगा
इन रुके हुए पलों में
ये पल, ये लम्हे जीवन यात्रा के खूबसूरत पड़ाव हैं।
सुंदर कविता।
achchhe shabdo se saji kavita..badhiya
ReplyDeleteपल कहीं रुक सा गया है
ReplyDeleteइन रुके हुए पलों में
शेष है – सिर्फ तुम्हारा इन्तेजार ..
बहुत बहुत सुन्दर ...
इन रुके हुए पलों में
ReplyDeleteशेष है – सिर्फ तुम्हारा इन्तेजार..bahut hi sundar....
इन रुके हुए पलों में
ReplyDeleteशेष है – सिर्फ तुम्हारा इन्तेजार
तुम आओगे
और –
फिर एक लम्हा जुड जायेगा
इन रुके हुए पलों में ..........!!!!!
bahut khoob
http://www.poeticprakash.com/
शेष है – सिर्फ तुम्हारा इन्तेजार
ReplyDeleteतुम आओगे
और –
फिर एक लम्हा जुड जायेगा
wAH KYA KHOOB LIKHA HAI APNE ...BADHAI
तुम आओगे
ReplyDeleteऔर
फिर एक लम्हा जुड जायेगा
इन रुके हुए पलों में
वाह ...बहुत बढि़या।
बहुत ही सुन्दर...
ReplyDeleteबेहतरीन रचना....
खूबसूरत रचना...
ReplyDeleteखूबसूरत रचना...
ReplyDeletesundar panktiyaan :)
ReplyDeletepalchhin-aditya.blogspot.in
बहुत ही खूबसूरत भाव संयोजन प्रियंका जी...
ReplyDeleteaapki rachnaa ne mere hrdy patal ko abhibhoot kar diyaa ,bahut sundar rachna hai
ReplyDeleteachchi post par shayad kisi ne sach hi kaha hai maja bhi to intjar me hi hai........
ReplyDeletelmbe intjar ke bad jab kuch milta hai to uski sukhad anubhuti hi kuch aur hoti hai
आज 15/05/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
तुम आओगे
ReplyDeleteऔर –
फिर एक लम्हा जुड जायेगा
इन रुके हुए पलों में ..........!
खूबसूरत......