Tuesday, February 21, 2012

सस्ती मौत ....






बीच सड़क पर 
खून से लथपथ  एक आदमी ....
चारों ओर से 
घूरती हुयी आँखें 
हजार सवाल ....
लेकिन -
आगे बढकर 
मदद के लिए इनकार.......

एक पल को ठिठकी 
कांपते हाथों से 
उस इन्सान की 
नब्ज को टटोला 
सांसें चिर विलीन  हो चुकी थीं ...
मैले कुचले .. खून से सने कपड़े
साथ - ढेर सा कबाड़ 
..............................................................

कहीं पीछे से आती 
एक आवाज कान में गयी 
'कबाड़ी वाला था 
जल्दी सड़क पार करने को उतावला था 
मिलेट्री की गाड़ी ने कुचल दिया ......'

................................................................

स्वयं की निगाहें उस 
कबाड़ पर थी 
कैसे उसकी पहचान का पता चले 
तभी -
सायरन की आवाजें 
आने लगीं 
कुछ ही पलों में 
लाश समेट दी गयी ......

हत्यारे जा चुके थे 
भीड़ छटने लगी थी 
मौत की गलती का 
ठीकरा कबाड़ी वाले पर 
फोड़ दिया गया था .........

इन बढ़ते हुए द्रश्यों में 
मन की उथल पुथल के साथ 
जेहन में एक ही सवाल गूंज रहा था ...
क्या -----
मौत इतनी सस्ती है .........
क्या -----
गरीब की मौत 
इतनी सस्ती है ........!!!!!!!!!


प्रियंका राठौर 


17 comments:

  1. मार्मिक भावाभिवय्क्ति.....

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  2. मार्मिक रचना ... मौत ही क्या आज तो इंसान की ज़िंदगी भी सस्ती हो गयी है

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  3. सही कहा …………बेहद मार्मिक्।

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  4. वैसे गरीब ज़िन्दा ही कहाँ होता है।

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  5. मार्मिक,बेहतरीन प्रस्तुति,...बढ़िया रचना.....

    WELCOME TO MY NEW POST ...काव्यान्जलि...सम्बोधन...

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  6. 'मिलीटरी' का ट्रक रहा, 'मिली' 'टरी' न मौत ।

    सदा गरीबी बन रही, इस जीवन सौत ।

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  7. इस जीवन में सौत ।

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  8. http://dineshkidillagi.blogspot.in/2012/02/links.html
    दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक

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  9. कड़वा सच यही है। गरीब की मौत इतनी ही सस्ती है।

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  10. अंदर तक झकझोरती पोस्ट!


    सादर

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  11. सच है...मौत से सस्ता कुछ भी नहीं.

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  12. padne k baad ek hi sawaal main apne aap se puchta hu ki main kya kar raha hu un liye...

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  13. सोचने पर विवश करती रचना...
    सार्थक लेखन के लिए आपको बधाई प्रियंका.

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  14. जहां मंहगाई बढ़ रही है ... मौत तो सस्ती होनी ही है ...
    सोचने को विवश करती है आपकी रचना ... ऐसा क्यों होता जा रहा है समाज ... संवेदनहीन ...

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  15. प्रियंका जी, बहुत गम्‍भीर प्रश्‍न उठाया है आपने। पर काश, इनके जवाब भी हमारे पास होते।

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    ..की-बोर्ड वाली औरतें।

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