बीच सड़क पर
खून से लथपथ एक आदमी ....
चारों ओर से
घूरती हुयी आँखें
हजार सवाल ....
लेकिन -
आगे बढकर
मदद के लिए इनकार.......
एक पल को ठिठकी
कांपते हाथों से
उस इन्सान की
नब्ज को टटोला
सांसें चिर विलीन हो चुकी थीं ...
मैले कुचले .. खून से सने कपड़े
साथ - ढेर सा कबाड़
..............................................................
कहीं पीछे से आती
एक आवाज कान में गयी
'कबाड़ी वाला था
जल्दी सड़क पार करने को उतावला था
मिलेट्री की गाड़ी ने कुचल दिया ......'
................................................................
स्वयं की निगाहें उस
कबाड़ पर थी
कैसे उसकी पहचान का पता चले
तभी -
सायरन की आवाजें
आने लगीं
कुछ ही पलों में
लाश समेट दी गयी ......
हत्यारे जा चुके थे
भीड़ छटने लगी थी
मौत की गलती का
ठीकरा कबाड़ी वाले पर
फोड़ दिया गया था .........
इन बढ़ते हुए द्रश्यों में
मन की उथल पुथल के साथ
जेहन में एक ही सवाल गूंज रहा था ...
क्या -----
मौत इतनी सस्ती है .........
क्या -----
गरीब की मौत
इतनी सस्ती है ........!!!!!!!!!
प्रियंका राठौर
मार्मिक भावाभिवय्क्ति.....
ReplyDeleteमार्मिक रचना ... मौत ही क्या आज तो इंसान की ज़िंदगी भी सस्ती हो गयी है
ReplyDeleteसही कहा …………बेहद मार्मिक्।
ReplyDeleteवैसे गरीब ज़िन्दा ही कहाँ होता है।
ReplyDeleteमार्मिक,बेहतरीन प्रस्तुति,...बढ़िया रचना.....
ReplyDeleteWELCOME TO MY NEW POST ...काव्यान्जलि...सम्बोधन...
'मिलीटरी' का ट्रक रहा, 'मिली' 'टरी' न मौत ।
ReplyDeleteसदा गरीबी बन रही, इस जीवन सौत ।
इस जीवन में सौत ।
ReplyDeletehttp://dineshkidillagi.blogspot.in/2012/02/links.html
ReplyDeleteदिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक
कड़वा सच यही है। गरीब की मौत इतनी ही सस्ती है।
ReplyDeletedill ko chhoo gayee aapki ye abhivyakti
ReplyDeleteअंदर तक झकझोरती पोस्ट!
ReplyDeleteसादर
सच है...मौत से सस्ता कुछ भी नहीं.
ReplyDeletepadne k baad ek hi sawaal main apne aap se puchta hu ki main kya kar raha hu un liye...
ReplyDeleteसोचने पर विवश करती रचना...
ReplyDeleteसार्थक लेखन के लिए आपको बधाई प्रियंका.
hirday sparshi prabhavi rachna..
ReplyDeleteजहां मंहगाई बढ़ रही है ... मौत तो सस्ती होनी ही है ...
ReplyDeleteसोचने को विवश करती है आपकी रचना ... ऐसा क्यों होता जा रहा है समाज ... संवेदनहीन ...
प्रियंका जी, बहुत गम्भीर प्रश्न उठाया है आपने। पर काश, इनके जवाब भी हमारे पास होते।
ReplyDelete------
..की-बोर्ड वाली औरतें।