Friday, June 22, 2012

चाँद की तस्वीर .......



वक्त  के चेहरे पर 
फेकी हुयी रंगीन स्याही सी ,
7गुणा 7 नाप की 
चाँद की तस्वीर ,
तुम्हारे दिल के फ्रेम में 
ऐसी फिट है 
जिसमे कम या ज्यादा की 
कोई गुंजाईश नहीं .......
मगर अफ़सोस -
उन रंगों को 
देख पाना तुम्हारे लिए 
मुमकिन नहीं -
क्योकि -
तुम्हारी नजरें 
सिर्फ श्वेत श्याम ही ,
देख पाती  हैं...................... !!!!!!!





प्रियंका राठौर  

12 comments:

  1. बहुत सुन्दर...................

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  2. बहुत खूब कभी कभी हम अपने दायरे से बाहर निकलना ही नहीं चाहते

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  3. देख पाना तुम्हारे लिए
    मुमकिन नहीं -
    क्योकि -
    तुम्हारी नजरें
    सिर्फ श्वेत श्याम ही ,
    देख पाती हैं....

    दायरा तेरा मेरा क्यूँ ,मेरा तेरा न बन सका

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  4. बेहतरीन कृति!

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  5. गहन भाव... सुन्दर प्रस्तुति...

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  6. जीवन का हर रंग देखने की समझ हर किसी में नहीं होती ... उसके लिए प्रेम, विश्वास, संवेदना की जरूरत होती है ...

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  7. कमाल के शब्द, कमाल की भावनाएं...बधाई.

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  8. Ye khule vicharo ka sansar h sankirnta ate hi sub dhuldhla jata h

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