उस गहरी , काली ,
अभिसप्त सी ,
दिखने वाली ,
बाबी का .....
वह निश्तेज ,
मरणासन्न सा
सांप -
अभी मरा नहीं है ......
बस -
प्रतीक्षा में है
मुक्ति की ....
पल पल मरती
पुरानी जिन्दगी से .....
केंचुल उतरने की ,
प्रक्रिया जारी है ....
दर्द , तड़प और
कराहों का चीत्कार
उसको बेबस
जरूर कर रहा है .....
लेकिन -
नष्ट नहीं कर
पाया है ......
क्योकि -
कहीं सुसुप्त चेतना में
नए जीवन की
अपराजेय आस बाकी है......
तुम्हारे पत्थर -
उसके दर्द को बढ़ा देंगे ,
हो सकता है -
पलट वार भी
न कर सके वो
लेकिन -
इसे अपनी
जीत मत समझो ......
क्योकि -
जब वह अपनी
पूरी प्रक्रिया से गुजर ,
तकलीफों को जीत ,
बापस नयी जिन्दगी
में लौटेगा ......
पहले से भी
कई गुना
शक्तिशाली और दृढ हो जायेगा .....
और यह निश्चित है ,
क्योकि -
अभी नियति पर
चोट देना बाकी है...........!!!!!!!!!!
प्रियंका राठौर
दर्द , तड़प और
ReplyDeleteकराहों का चीत्कार
उसको बेबस
जरूर कर रहा है .....
लेकिन -
नष्ट नहीं कर
पाया है ......
क्योकि -
कहीं सुसुप्त चेतना में
नए जीवन की
अपराजेय आस बाकी है......
bahut badhiya priyanka ji aas par hi to duniya kayam hai :)
तुम्हारे पत्थर -
ReplyDeleteउसके दर्द को बढ़ा देंगे ,
हो सकता है -
पलट वार भी
न कर सके वो
लेकिन -
इसे अपनी
जीत मत समझो ......
optimistic and so nice.
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
क्योकि -
ReplyDeleteजब वह अपनी
पूरी प्रक्रिया से गुजर ,
तकलीफों को जीत ,
बापस नयी जिन्दगी
में लौटेगा ......
पहले से भी
कई गुना
शक्तिशाली और दृढ हो जायेगा .....
.....बहुत सुन्दर और सशक्त रचना...
गहन बात काही है .... विचारणीय अभिव्यक्ति
ReplyDeleteखुबसूरत ।
ReplyDeleteबधाई ।।
चर्चामंच के द्वारा आपके ब्लाग पर आने का अवसर मिला । बहुत सुन्दर प्रस्तुति है बाबी और सांप के माध्यम से शरीर और आत्मा का बेजोड चित्रण के लिये धन्यवाद
ReplyDeleteब्लाग को ज्वाईन कर लिया है आप भी करे तो खुशी होगी ।
यूनिक ब्लाग ---- म्हारों राजस्थान
बहुत सुन्दर
ReplyDeletevery touching...beautiful
ReplyDeleteबहुत अच्छी बात ... तैयार रहे कल के लिए ....
ReplyDeleteकहीं सुसुप्त चेतना में
ReplyDeleteनए जीवन की
अपराजेय आस बाकी है......
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
गंभीर विषय पर बहुत ही खूबसूरत रचना.
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रियंका.
बहुत बेहतरीन रचना....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
बदिया लिखा है.....
ReplyDeleteप्रभावशाली ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक सृजन , आभार.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारकर अपनी शुभकामनाएं प्रदान करें.