Friday, July 18, 2014

नमी .....




तेरी गीली मुस्कराहटों से 
भीगे हुए लम्हें
बूँद - बूँद 
मेरे जेहन पर 
टपकतें हैं .......


अब सब नम है .....!


प्रियंका राठौर 

5 comments:

  1. बहुत खूबसूरत पंक्तियां ...

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  2. नमी को बरकरार कहना ही जरूरी है बस ...

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  3. बहुत बहुत धन्यवाद आपका :)

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  4. बहुत ही खुबसूरत
    और कोमल भावो की अभिवयक्ति..

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