Thursday, October 27, 2011

कौन हो तुम .....






कौन हो तुम .....
ख्वाब हो
या
हकीकत हो
या
एक परछाई
कौन हो तुम .....
जो रात की चांदनी तले
आँखों की नींदें
चुरा ले जाते हो
और भोर होते ही
सूरज की किरण में
विलीन हो जाते हो .....
कौन हो तुम .....
एक ख्वाब -
अधखुली आँखों के
उलझे से
कुछ सुलझे से
या
स्वाति की बूँद -
जो सागर की
किसी सीपी का
मोती बन
अप्रतिम हो जाते हो .....
कौन हो तुम .....
एक परछाई -
जो हर पल
साथ चलते हो
जब तपन का चक्र
अपने चरम पर
होता है
तब आवरण बन मेरा
मेरी शक्ति हो जाते हो
और ढलते वक्त में
मुझमे ही लीन हो जाते हो .....
कौन हो तुम ....
ख्वाब हो
या
हकीकत हो
या
एक परछाई ......!!!!!



प्रियंका राठौर

22 comments:

  1. कौन हो तुम ....
    ख्वाब हो
    या
    हकीकत हो
    या
    एक परछाई ......!!!!!

    बहुत कठिन प्रश्न है।

    सादर
    ------
    कभी यहाँ भी पधारें

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  2. विवेक जी के मेरे सपने, शाक-आहारी रहो
    ख़्वाब हो या कोई हकीकत, कौन हो तुम कुछ कहो
    इश्क नचाये जिसको यारा, साथ उसको मत बहो
    सरदार बोले उन्नयन पर, कष्ट बे-पनाह सहो |

    आपकी उत्कृष्ट पोस्ट का लिंक है क्या ??
    आइये --
    फिर आ जाइए -
    अपने विचारों से अवगत कराइए ||

    शुक्रवार चर्चा - मंच
    http://charchamanch.blogspot.com/

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  3. सारा दारोमदार प्रियंका इसी प्रश्न के उत्तर पे टिका होता है...सुन्दर...विचारणीय रचना !!

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  4. कौन हो तुम .....
    ख्वाब हो
    या
    हकीकत हो
    या
    एक परछाई
    कौन हो तुम .....बहुत ही खुबसूरत रचना.....

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  5. प्यार , स्वप्न, आराध्य

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  6. कौन हो तुम ....
    ख्वाब हो
    या
    हकीकत हो
    या
    एक परछाई ......!!!!!

    सुन्दर... अति सुन्दर अभिव्यक्ति.
    पढ़ कर मन भाव विभोर हो गया है.

    दीपावली गोवर्धन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर भी आईयेगा,प्रियंका जी.
    'नाम जप' पर अपने विचार व अनुभव प्रस्तुत करके
    अनुग्रहित कीजियेगा.

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  7. ख़ाब हो तुम या कोई हकीकत बता सको तो बताओ.... या फिर कौन हो तुम जो दिल में समाये जाते हो.... आपकी यह रचना पढ़कर जाने क्यूँ यह दोनों गीत याद आ गये...

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  8. अभिव्यक्ति का यह अंदाज निराला है. आनंद आया पढ़कर.

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  9. बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।

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  10. बहुत सुन्दर!
    दीपावली, गोवर्धनपूजा और भातृदूज की शुभकामनाएँ!

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  11. कौन हो तुम ....
    ख्वाब हो
    या
    हकीकत हो
    या
    एक परछाई ......!!!!!

    बहुत सुंदर ..

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  12. कौन हो तुम .....
    एक परछाई -
    जो हर पल
    साथ चलते हो.
    बहुत सुंदर.

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  13. सुन्दर, अति सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  14. सुन्दर अभिव्यक्ति!

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  15. अच्छे भावों को अच्छी तरह कलमबद्ध किया है आपने बहुत अच्छी प्रस्तुति
    दीपावली व नववर्ष की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं !

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  16. बहुत सुन्दर!
    --
    कल के चर्चा मंच पर, लिंको की है धूम।
    अपने चिट्ठे के लिए, उपवन में लो घूम।

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  17. कौन हो तुम—यह एक अभिव्यक्ति हज़ार अभिव्यक्तियां लिये हुए
    सुंदर.

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  18. कौन हो तुम ... इसी की खोज में निरंतर जीवन रहता है ... ये मन को गुदगुदाता .... प्रेम के और ले जाता है ... पर कुन है ये चितचोर ... सुन्दर प्रेममयी रचना ...

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