अहसासों का पंछी
फड़ फड़ कर उड़ने को व्याकुल ,
इस जीवन की कैद से
मुक्त होने को व्याकुल ....
हुयी प्रात ,
नभ पर फैली लाली
संगियों की कलरव से
ली पवन ने अंगड़ाई
तब निकला सुमधुर - सुमधुर
पत्तों से संगीत
साजों , रागों के संगम से -
अहसासों का पंछी
फड़ फड़ कर उड़ने को व्याकुल
इस जीवन की कैद से
मुक्त होने को व्याकुल ........!!!!!
प्रियंका राठौर
qed me pnchi ki vythaa ka mhtvpurn ehsaas .......akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteइस जीवन की कैद से
ReplyDeleteमुक्त होने को व्याकुल ........!!!!! bhaut hi sundar rachna...
ahsaas ka panchi jb udta hai tab kaavya rachit hota hai.bahut achche bhaav vaali rachna.kya aap mere blog par aana pasand karengi.aapka swagat hai.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर्।
ReplyDeleteखूबसूरत एहसास!
ReplyDeleteGhazab
ReplyDeleteसुन्दर और सार्थक रचना के लिए बहुत- बहुत बधाई .
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें.
बहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteसादर...
vyaakul man ki vayaakul kavitaa....acchhi lagi...
ReplyDeleteमन के उमड़ते भावों को प्राकृति की गोद दे डी है आपने इन शब्दों में ..
ReplyDeleteविजय दशमी की मंगल कामनाएं ...
भोर सी ताज़ी रचना.सुकून देती हुई.
ReplyDeletebahut khubsurat ahsaaso se bhari hui rachna...
ReplyDeletepriyanka kabhi hamare blog pe aana!
very good ji
ReplyDeleteप्रिय हिंदी ब्लॉगर बंधुओं ,
ReplyDeleteआप को सूचित करते हुवे हर्ष हो रहा है क़ि आगामी शैक्षणिक वर्ष २०११-२०१२ के दिसम्बर माह में ०९--१० दिसम्बर (शुक्रवार -शनिवार ) को ''हिंदी ब्लागिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनाएं '' इस विषय पर दो दिवशीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है. विश्विद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इस संगोष्ठी को संपोषित किया जा सके इस सन्दर्भ में औपचारिकतायें पूरी की जा चुकी हैं. के.एम्. अग्रवाल महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजन की जिम्मेदारी ली गयी है. महाविद्यालय के प्रबन्धन समिति ने संभावित संगोष्ठी के पूरे खर्च को उठाने की जिम्मेदारी ली है. यदि किसी कारणवश कतिपय संस्थानों से आर्थिक मदद नहीं मिल पाई तो भी यह आयोजन महाविद्यालय अपने खर्च पर करेगा.
संगोष्ठी की तारीख भी निश्चित हो गई है (०९ -१० दिसम्बर२०११ ) संगोष्ठी में आप की सक्रीय सहभागिता जरूरी है. दरअसल संगोष्ठी के दिन उदघाटन समारोह में हिंदी ब्लागगिंग पर एक पुस्तक के लोकार्पण क़ी योजना भी है. आप लोगों द्वारा भेजे गए आलेखों को ही पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित किया जायेगा . आप सभी से अनुरोध है क़ि आप अपने आलेख जल्द से जल्द भेजने क़ी कृपा करें . आलेख भेजने की अंतिम तारीख २५ सितम्बर २०११ है. मूल विषय है-''हिंदी ब्लागिंग: स्वरूप,व्याप्ति और संभावनाएं ''
आप इस मूल विषय से जुड़कर अपनी सुविधा के अनुसार उप विषय चुन सकते हैं
खूबसूरत..!!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर क्या बात है .......
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