किसी प्राप्य के लिए प्रस्तर बनना यूँ कहो व्यवहारिक (जो देखने में मिलता है ) बनना सही है, पर एक बात याद रखना - जो मोह से परे खुद को सोचते हैं , वे बहुत कुछ हासिल करके भी गरीब होते हैं , ज़िन्दगी शब्दों में वहीँ नमी पाती है - जो आकंठ मोह में डूबे काँटों पर चलते हैं !
प्रस्तर भी लगातार प्रहार से टूटते हैं...हाँ यह अवश्य है कि प्रस्तर की अडिगता सराहनीय है...टूटता है पर अपना स्वरुप नहीं छोडता ...पर उसकी कठोरता स्वाभाव में लाना सही नहीं....कितना ग्रहण करना है यह तो स्वयं ही तय करना होगा .
प्रियंका जी सुन्दर सन्देश देती रचना ..मूल भाव सुन्दर ..उत्तम भ्रमर ५ शायद ,अब ऐसा प्रस्तर बनना होगा , जो अडिग रहे हर उलझन में जो अमिट रहे हर भावावेशित दलदल में ...
सुंदर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteभावपूर्ण अभिवयक्ति....
ReplyDeletegahan abhivaykti....
ReplyDeletehindi shabdon ka khoobsoorat upyog aur sundar rachna!!
ReplyDeleteकिसी प्राप्य के लिए प्रस्तर बनना यूँ कहो व्यवहारिक (जो देखने में मिलता है ) बनना सही है, पर एक बात याद रखना - जो मोह से परे खुद को सोचते हैं , वे बहुत कुछ हासिल करके भी गरीब होते हैं , ज़िन्दगी शब्दों में वहीँ नमी पाती है - जो आकंठ मोह में डूबे काँटों पर चलते हैं !
ReplyDeleteइस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकार करें.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें .
bahut sundar prastuti
ReplyDeleteप्रस्तर भी लगातार प्रहार से टूटते हैं...हाँ यह अवश्य है कि प्रस्तर की अडिगता सराहनीय है...टूटता है पर अपना स्वरुप नहीं छोडता ...पर उसकी कठोरता स्वाभाव में लाना सही नहीं....कितना ग्रहण करना है यह तो स्वयं ही तय करना होगा .
ReplyDeleteBehtarin kavita.
ReplyDeleteप्रियंका जी सुन्दर सन्देश देती रचना ..मूल भाव सुन्दर ..उत्तम
ReplyDeleteभ्रमर ५
शायद ,अब ऐसा प्रस्तर
बनना होगा , जो
अडिग रहे हर उलझन में
जो अमिट रहे
हर भावावेशित दलदल में ...
bahut khoobsurat virodhabhas hai ...
ReplyDeleteसही कहा आपने......
ReplyDeleteभावनाओं के दलदल में तैर सीखना पढता है ... पभी पार पाया जाता है .... भावमयी रचना है ...
ReplyDeleteबेहद सुंदर भावपूर्ण रचना ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteबहुत खूबसूरती से भावों को प्रस्तुत किया..बधाई.
ReplyDeleteदिल को छू गई... आभार
ReplyDeleteमरे ब्लाग पर भी आयें...
JINDAGI KO JINE KE LIYE ULJHAN BAHUT JARURI HAI
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