बीते हुए लम्हों में
तेरे होने का अहसास
दिल को सुकून देता है ....
यादों के बसेरे में ,
कभी बारिश की रिमझिम में
ख़ुशी और गमों की धूप में
तो कभी तेरी तस्वीरों में
तेरे होने का अहसास
दिल को सुकून देता है ....
स्वप्नलोक की इस नगरी में
रत्न जडित जोड़े में लिपटी
उस सुर्ख लाल आभा का तेज
उन खनकती रुनझुन में
तेरी हंसी की मिठास
तेरे नाम से जुड़े खुद के नाम में
वजूद के स्थायित्व का अहसास
दिल को सुकून देता है .....
बीते हुए लम्हों में
तेरे होने का अहसास
दिल को सुकून देता है ......
प्रियंका राठौर
बहुत खूबसूरत रचना ...बस यह एहसास ही है जो सुकून देता है
ReplyDeleteयह सकून देती रचना अच्छी लगी।
ReplyDeleteपुरसुकून और ह्रदय ग्राही कविता के लिए आभार . मन अह्वलादित हुआ .
ReplyDeleteबीते हुए लम्हों में
ReplyDeleteतेरे होने का अहसास
दिल को सुकून देता है ......
bahut hi achhi rachna
सुन्दर.....शानदार भावों से भरी पोस्ट.....
ReplyDeleteकुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।
ReplyDeleteसुकून का अहसास देती खूबसूरत रचना.
ReplyDeleteसुन्दर नये प्रतीकों वाली सुन्दर रचना । बधाई ।
ReplyDeleteसुकून मिल गया ऐसा अहसास हुआ हमको , बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ,बधाई
ReplyDeleteदिल को सुकून देता है .....
ReplyDeleteबीते हुए लम्हों में
तेरे होने का अहसास
bahut khoob
sahitya surbhi
बीते हुए लम्हों में
ReplyDeleteतेरे होने का अहसास
दिल को सुकून देता है ....
वाह!
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
ReplyDeleteयहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके.,
मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.
Nice.
ReplyDeletebahut achcha likha hai aapne........thanks
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