सबसे पहले आप सभी को नवरात्री के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनायें .......
अब कुछ अपनी बात :-)
मेरी प्रिय सहेली - सरिता ....(अपने नाम के अनुरूप उसकी हंसी हमेशा बहती ही रहती है ) को १ अप्रैल को माता रानी की क्रपा से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुयी ...... लोगों के अनुसार 'मूर्ख दिवस ' पर एक और मूर्ख की बढ़ोत्तरी इस दुनिया में ....१ अप्रैल को पैदा होने के कारण उसका नामकरण 'फूल ' कर दिया गया है ....अब ये आप लोगों की समझदारी पर निर्भर करता है की इसे हिंदी का फूल समझे या अंग्रेजी का :)
चलिए अब आगे बढते हैं .....
दोस्ती और मौसी होने का दायित्व निभाने मै भी सरिता और फूल से मिलने अस्पताल पहुची ....व्यवहारिक शिष्टाचार के साथ कुछ हंसी मजाक संपन्न हुआ ....खैर सब कुछ अच्छा ही चल रहा था लेकिन कहीं एक कुराफाती मन अन्दर से पेंगें मार रहा था ....."यार जल्दी घर चलो वर्ल्ड कप देखना है - अब इंडिया की इन्निंग आने वाली है " - बस फिर क्या था - सारे दायित्व कोने में और मै अलविदा की लप्पी - झप्पी कर चल दी .
अलीगंज के उस अस्पताल ( पवार क्लिनिक ) में सीढियों की जगह ढलान बना रखी है , फिर क्या था - दिमाग में वर्ल्ड कप के घोडें दौड़ रहे थे - और मै सरपट ढलान पर पैर बढ़ा रही थी ....इतने में धडाम की आवाज आई ....कुछ सेकेण्ड बाद समझ आया ....यार ...ये तो मै ही गिर गयी ....पैर फिसला और गेम ओवर ......
बा - मुश्किल खड़ी हुयी .....कार तक पहुची - ड्राइव किया और घर आई - लेकिन इतनी ही देर में सारे चाँद तारे नजर आ गए थे , साथ ही समझ आ गया था - बेटा - अब १-२ महीने की छुट्टी काटो ...फिर क्या था - घर में मम्मी ,पापा , भाई ,भाभी सभी के चेहरे सचिन - सहवाग के आउट होने से ज्यादा मेरे कारण उतर गए थे . भाई के साथ डॉक्टर के यहाँ पहुची ...x - ray करवाया ...Rt पैर के ankle joint पर २ जगह fracture .....
बड़ी मशक्कत के बाद ४० दिन के लिए प्लास्टर डॉक्टर साहब ने कर दिया .....अब तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं .... 'फूल ' जी ने मेरी झोली में फूल ही फूल भर दिए .....मै भी अब VVIP पर्सन हो गयी ...सारे काम बंद - classes बंद ,driving बंद , बस आराम -वह भी ढेर सारा ....पूरी ऐश .....धमाधम फ़ोन काल्स ...देखते ही देखते वर्ल्ड कप की विंनर मै ही हो गयी .अब मै , मेरा लैपि , और मेरी ढेर सारी किताबें साथ -साथ बिस्तर पर ऐश करते है ....जिन्दगी के सारे आराम १-१/२ महीने के लिए बिस्तर पर ... :)
"क्यों गुड है न सर जी "
लेकिन इस पुरे वाकये से मुझे ये समझ आ गया की मेरी फ़ोन नेट्वोर्किंग बहुत उन्नत दिशा में है - बस एक फ़ोन - " भैया - जरा परेशानी में हूँ किताबें घर पंहुचा देना - पेमेंट घर पर हो जायेगा ".... या फिर दवाएं या अन्य काम सब फ़ोन से निपट जा रहे हैं .....काश अपना सरकारी तंत्र भी इतनी महारथ हासिल कर पता ...चलो जो भी है सब perfectlly allright है ........ :)
प्रियंका राठौर
samyik hai aapka lekh aur bahut hi dharapravah...moorkh to ham sabhi hain jo har pal sarkari tantra ke maadhyam se chhale ja rahe...jo janma hai wah nirmal hai...aur jo ajanma wah bhagyashaali...par jinhe janme jkayi saal ho gaye we sabhi hatbhagya...
ReplyDeletelikhte rahiye aur padhte rahiye...
ओह ..गेट वेल सून..... नए साल और वर्ल्ड कप जीत की बधाई... शुभकामनायें
ReplyDeleteएक साथ इत्ती सारी बातें..आप जल्दी से अच्छी हो जाओ.
ReplyDelete____________________
'पाखी की दुनिया' में भी आपका स्वागत है.
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ReplyDeleteये जान कर दुःख हुआ की आपको चोट लग गयी है ......पर जिस तरह आप उसका आनंद उठा रही हैं उससे तो इर्ष्य पनप रही है.......१-२ महीने का सम्पूर्ण आराम.....ह्म्म्म बढ़िया है जी......इश्वर आपको जल्द तंदरुस्ती दे ताकि आप अपने काम में लग सके क्योंकि १-२ महीने में आप बहुत बोर हो जोगी :-)
ReplyDeletehey get well soon....
ReplyDeleteजल्दी ठीक हों यही दुआ करता हूँ
ReplyDeleteऔर परेशानी में ऐसे ही मुस्कुरातीं रहें :)
क्या आप एक से ज्यादा ब्लॉग पर एक ही लेख लिखते हैं ?
प्रिय प्रियंका
ReplyDeleteजान कर दुःख हुआ की तुम्हे चोट लग गयी है
मैं प्रार्थना करूंगा तुम जल्दी ठीक हों जाओ
तुम्हारा भाई
@sanjay ji- thanks bhayi ji...
ReplyDeletethanks to all :)
Hi
ReplyDeleteI like the way you wrote. Reading experiance was nice
Get Well Soon.
Hi,
ReplyDeleteFirst of all...Get Well Soon...!!!
And secondly..."Aap Beeti" is awesome.....!!!