बहुत ही सुन्दर लिखा है अपने इस मैं कमी निकलना मेरे बस की बात नहीं है क्यों की मैं तो खुद १ नया ब्लोगर हु बहुत दिनों से मैं ब्लॉग पे आया हु और फिर इसका मुझे खामियाजा भी भुगतना पड़ा क्यों की जब मैं खुद किसी के ब्लॉग पे नहीं गया तो दुसरे बंधू क्यों आयें गे इस के लिए मैं आप सब भाइयो और बहनों से माफ़ी मागता हु मेरे नहीं आने की भी १ वजह ये रही थी की ३१ मार्च के कुछ काम में में व्यस्त होने की वजह से नहीं आ पाया पर मैने अपने ब्लॉग पे बहुत सायरी पोस्ट पे पहले ही कर दी थी लेकिन आप भाइयो का सहयोग नहीं मिल पाने की वजह से मैं थोरा दुखी जरुर हुआ हु धन्यवाद् दिनेश पारीक http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/ http://vangaydinesh.blogspot.com/
वाह!क्या बात है
ReplyDeleteसादर
कम शब्दों मे मुकम्मल रचना। आभार।
ReplyDeleteबहुत ही गुढ़ बात कही है आपने आज..बढ़िया।
ReplyDeleteमन के भाव सुंदरता से लिखे हैं
ReplyDeleteप्यार समझ में नहीं आता बस एक एहसास देता है पल पल
ReplyDeleteप्यार तो एक एहसास है, एक भावना है जिसे हम सिर्फ महसूस कर सकते है|
ReplyDeleteशायद यही प्यार है.....अच्छे भाव
ReplyDeleteकुछ अहसास सोच से परे होते हैं उन्हे अहसास ही रहने दो।
ReplyDeleteना जाने कैसा रिश्ता है तुमसे
ReplyDeleteपहचान नहीं पाती ,
अनदेखा अनजाना बंधन है
महसूस कर पाती हूँ ...
प्यार तो एक एहसास है जिसे हम महसूस कर सकते है|
bas priyanka ji pyar aesa hi hota hai...
ReplyDeleteek pyari si bhavnatmak prastuti.pahli bar aapke blog par aai hoon.achcha laga.
ReplyDeleteआपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की जा रही है
ReplyDeleteकृपया पधारें
चर्चा मंच
bahut sunder,ghari baat khati hui choti si anoothi rachanaa.bahut bahut badhaai aapko.
ReplyDeleteplease visit my blog and leave the comments also
बहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया..
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना | कृपया मेरी भी कविता पढ़े और अपनी राय दें|
ReplyDeletewww.pradip13m.blogspot.com
आप भी मेरे ब्लॉग में आये और अच्छी लगे तो जरुर फोलो करें|
बहुत ही सुन्दर लिखा है अपने इस मैं कमी निकलना मेरे बस की बात नहीं है क्यों की मैं तो खुद १ नया ब्लोगर हु
ReplyDeleteबहुत दिनों से मैं ब्लॉग पे आया हु और फिर इसका मुझे खामियाजा भी भुगतना पड़ा क्यों की जब मैं खुद किसी के ब्लॉग पे नहीं गया तो दुसरे बंधू क्यों आयें गे इस के लिए मैं आप सब भाइयो और बहनों से माफ़ी मागता हु मेरे नहीं आने की भी १ वजह ये रही थी की ३१ मार्च के कुछ काम में में व्यस्त होने की वजह से नहीं आ पाया
पर मैने अपने ब्लॉग पे बहुत सायरी पोस्ट पे पहले ही कर दी थी लेकिन आप भाइयो का सहयोग नहीं मिल पाने की वजह से मैं थोरा दुखी जरुर हुआ हु
धन्यवाद्
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
http://vangaydinesh.blogspot.com/
बहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
ReplyDeleteमेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!
अति सुन्दर...भावपूर्ण.
ReplyDeleteकोमल भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति।
ReplyDeletedhanybad yashwant ji....
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