हर आहट में तुमको खोजूं ,
हर चेहरे में तुमको देखूं ,
जाऊ तो जाऊ कहाँ तुम्हे छोडकर -
अब तो शिव भी मै तुममे ढूढू ,
समझ सको तो समझ लो मन की
कहीं बात न हो जाये बीते पल की ....
अब तो आलम ऐसा है की -
खुद में भी मै तुमको खोजूं ,
घर आँगन में तुमको ढूढू ,
मंदिर - मंदिर तुमको पूजू ,
आ सको तो आ जाओ अब
कहीं सांसे न हो जाये बीते पल की .....
प्रियंका राठौर
खुद में भी मै तुमको खोजूं ,
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव ...अच्छी प्रस्तुति
हर आहट में तुमको खोजूं ,
ReplyDeleteहर चेहरे में तुमको देखूं ,
जाऊ तो जाऊ कहाँ तुम्हे छोडकर -
अब तो शिव भी मै तुममे ढूढू ,
बहुत ही गहरे भाव से युक्त आपकी ये सुंदर रचना।
@sangeeta ji ,satyam ji....aabhar..
ReplyDeletehar ahat me hum b aap ko dhundhe,
ReplyDeleteapke pyar or didaar ko tarse,
naino ko hai har pal apka intzar,
din me ansuo se to raat me bhigi palko se dhundhe,
har tasveer me ye sirf apko nihare,
aarju hai to bas yahi ki har janam me aap hume hi chahe.. hume hi chahe..
बेहतरीन भाव प्रस्तुति....बधाई |
ReplyDeleteइसे ही कहते हैं ... मंजीठ राग.
ReplyDelete....... इसी राग में रंग गयी थी मीराबाई.
....... इसी राग से रंजित है सूर तुलसी की कविताई.
अब आपको भी उसी राह पर जाते देख देते हैं ... बधाई.
प्रियंका जी,
ReplyDeleteइस कविता का तो जवाब नहीं !
आपकी लेखनी दोनों को नमन !
......... अच्छी कविता है बधाई !
ReplyDeleteवाह.....प्रियंका जी.....ये पोस्ट दर्शन का असर छोडती है.....बहुत सुन्दर....
ReplyDeleteएक बात पूछना चाहता हूँ ये हाथों की तस्वीर और इससे पहले वाली भी आपकी है ?
@याज्ञनिक - भैया बहुत खूब ....keep writting... :-)
ReplyDelete@संजय जी , हेमा - बहुत बहुत धन्यवाद
@अंसारी जी - ये तस्वीरें गूगल सर्च से ली गयी है ....आभार
@ प्रतुल जी -मंजीठ राग की जानकारी के लिए शुक्रिया ....शायद जहाँ प्यार समर्पण बन जाता है , इन्सान खुद बा खुद मीरा ,सुर या तुलसी के करीब पहुच जाता है ...
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.
ReplyDeleteआप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
सादर
आपका होली के अवसर पर विशेष ध्यानाकर्षण हेतु.....
ReplyDelete==========================
देश को नेता लोग करते हैं प्यार बहुत?
अथवा वे वाक़ई, हैं रंगे सियार बहुत?
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होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
बहुत खूब! होली की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeletemanish jaiswal
Bilaspur
chhattisgarh
प्रियंका राठौर जी
ReplyDeleteरंग भरा स्नेह भरा अभिवादन !
घर आंगन में तुमको ढूंढूं ,
मंदिर - मंदिर तुमको पूजूं ,
समर्पण भाव लिये' अच्छी प्रेम कविता है …
हार्दिक बधाई !
♥ होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥
होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
वाह ............अति सुन्दर
ReplyDeleteखूबसूरत है..
ReplyDeleteऐसी आहट
ReplyDeleteका स्वागत सब को
निरंतर इंतज़ार रहता सबको
waah!!!!priyanka ji bhut sundar likhi dil ki baato ko aapne.....dil ko chu gai aapki rachana...badhai
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