अहसासों में बसता है ,
निगाहों से बयाँ होता है ,
निशब्द बंधन है ,
पर रिश्तों से परे है ,
शायद -
यही प्यार है ,
जो दिखाया नहीं जाता ,
दिख जाता है ,
लम्हों में सिमट जाता है ,
रूह की झंकार है ,
जीवन की आस है ,
भावों का गुंथन है ,
हाँ -
यही प्यार है ,
जो शब्दों से परे ,
अभिव्यक्ति है समर्पण रूप ......!!
प्रियंका राठौर
सुन्दर भाव से भरा हुआ काव्य है|मेरी शुभकामनाये...
ReplyDeleteजो शब्दों से परे है ...सुन्दर भाव ..
ReplyDeletebhaavpradhaan kavita aapki pasand aayi..
ReplyDeletebadhaai !
यही प्यार है ,
ReplyDeleteजो दिखाया नहीं जाता ,
पर शायद बिन दिखाये भी दिख जाता है
बहुत सुन्दर !!
ReplyDeletebahut khub...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteशायद -
ReplyDeleteयही प्यार है ,
जो दिखाया नहीं जाता ,
दिख जाता है ,
बहुत प्रभावी पंक्तियाँ ...दिल को छु गयी ..और प्यार को नयी परिभाषा दे गयी
चलते -चलते पर आपका स्वागत है
aap sabhi ka bhut bhut dhanyvad......
ReplyDeleteअच्छी सुंदर रचना
ReplyDeleteप्रेम से ओत प्रोत भाव पूर्ण रचना
बहुत खूब ... कोमल एकसास है प्यार ... शब्दों में नहीं बाँधा जा सकता ....
ReplyDeleteदिल को छू गयी ये नर्म सी रचना .....
सुकोमल अहसास वाली कविता . आभार .
ReplyDeleteक्या चित्रण किया आपने ! लाजवाब, सुन्दर लेखनी को आभार.....प्रियंका जी
ReplyDeleteइस बार मेरे ब्लॉग में
ReplyDeleteSMS की दुनिया ............
आप तो बहुत सुन्दर लिखती हैं...बधाई.
ReplyDelete'पाखी की दुनिया' में भी आपका स्वागत है.
सुंदर रचना के लिए साधुवाद! मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
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