अनशन का सातवाँ दिन ....उमड़ता जन सैलाब ....हाथों में तिरंगा सिर पर गाँधी टोपी ....एक अद्भुत अनेकता में एकता ....ना कोई मुस्लिम ना कोई हिंदू , ना कोई उच्च जाति या निम्न जाति और ना ही कोई गरीब या अमीर ...सभी ओर एक ही धर्म ....भारतीय होने का धर्म .....देश के हर कोने से एक ही आवाज ....भ्रष्टाचार हटाना है .....एक विहंगम द्रश्य ....जो देश विदेश में सराहना का पात्र बन चुका है....सत्ता की जड़ें अब हिलने लगी हैं ....व्यवस्था परिवर्तन की गूँज अब चारों ओर है .....अटल जी की पंक्तियाँ सार्थक प्रतीत होती नजर आ रही हैं ...
कोई नहीं जनता
नए मील का पत्थर
तो अब पार हुआ ....”
नमन है उस इंसान को जिसने एक बार फिर सबको भारतीय बना दिया ....नमन है उस जज्बे को जिसने अनेकता में एकता की एक नयी मिसाल कायम कर दी ....और नमन है उन सभी बंधुओ को जिन्होंने इस अहसास को मूर्त रूप दे दिया ......जय हिंद !!
प्रियंका राठौर
नमन ,नमन,शत शत नमन.
ReplyDeleteअन्ना को ,सभी साथियों को और आपके जज्बे व इस सुन्दर पोस्ट को.
जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
JAI HIND !SARTHAK PRASTUTI HETU AABHAR .
ReplyDeleteBLOG PAHELI NO.1KA PARINAM
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteश्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
आज 23 - 08 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDelete...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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बहुत सुन्दर...बधाई
ReplyDeleteजय हिंद ...जज़्बा बनाये रखने की ज़रूरत है
ReplyDeletebharat mata ki jai
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