सारी रात जागती रही
कशमकश में जूझती रही
क्या हुआ ?
कैसे हुआ ?
क्यों हुआ ?
प्रश्नों की कड़ियाँ
मस्तिष्क में कौंधती रही ......
दिल दुखाया ?
स्व निभाया ?
या -
अपना बनाया ?
छत पर लटके घूमते पंखे पर
टकटकी बांधे पहर बीत गयी
तभी -
कही खिड़की से आती
एक पतली किरण जगमगाई
मन के गुबार में
जाले बुनते - बुनते
यही परिणाम समक्ष आया -
मै अच्छी थी
हाँ
मै अच्छी थी
इसलिए -
बाहर हूँ आज
उस जिन्दगी से .....
टूटे हुए तारे सी ......
प्रियंका राठौर
शक्ति-स्वरूपा माँ आपमें स्वयं अवस्थित हों .शुभकामनाएं.
ReplyDeleteटूटे हुए तारे का अस्तित्व नहीं रहता ..तो जुडना तो पड़ेगा ... अच्छी अभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteआप अच्छी अब भी हैं... बहुत सुन्दर वाह!
ReplyDeleteji haan ap achchhi thin achhi hain or achhi hi rhengi .....akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteमै अच्छी थी
ReplyDeleteहाँ
मै अच्छी थी
इसलिए -
बाहर हूँ आज
उस जिन्दगी से .....
टूटे हुए तारे सी .....
..kasmkash bhari jindagi ke sundar baangi..
Navratri kee haardik shubhkamnayen!
bahut khub ....jindagi ka ek ye bhi rang hai
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।माता रानी आपकी सभी मनोकामनाये पूर्ण करें और अपनी भक्ति और शक्ति से आपके ह्रदय मे अपनी ज्योति जगायें…………सबके लिये नवरात्रि शुभ हों
ReplyDeleteवाह ...बहुत बढि़या ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteटूटे तारों की तो अपनी नियति होती है ... पर पाना लेखा अपने आप होता है ... सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteमै अच्छी थी
ReplyDeleteहाँ
मै अच्छी थी
इसलिए -
बाहर हूँ आज
उस जिन्दगी से .. BAHUT ACHHI ho
आप अच्छी थीं और अब भी अच्छी हैं :) समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
ReplyDeletehttp://mhare-anubhav.blogspot.com/2011/09/2011.html
बहुत ही सुंदर .....प्रभावित करती बेहतरीन पंक्तियाँ ....
ReplyDelete... नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं....
ReplyDeleteआपका जीवन मंगलमयी रहे ..यही माता से प्रार्थना हैं ..
जय माता दी !!!!!!
आज का सत्य..अच्छा होना ही बाहर होना है,सुन्दर!!
ReplyDeleteनई पुरानी हलचल से आपकी इस पोस्ट पर आना हुआ.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति है,आपकी.
आभार.
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
आप की रचना अच्छी है.... आप भी अच्छी हैं!
ReplyDeleteनवरात्री की शुभकामनायें!
सच में अच्छी थी ....भावना अच्छी हो तो जीवन भी अच्छा चल पड़ता है ......सुंदर भाव
ReplyDeletebahot achchi......
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया।
ReplyDeleteसादर