Wednesday, September 28, 2011

मै अच्छी थी ....





सारी रात जागती रही
कशमकश में जूझती रही
क्या हुआ ?
कैसे हुआ ?
क्यों हुआ ?
प्रश्नों की कड़ियाँ
मस्तिष्क में कौंधती रही ......

दिल दुखाया ?
स्व निभाया ?
या -
अपना बनाया ?
छत पर लटके घूमते पंखे पर
टकटकी बांधे पहर बीत गयी
तभी -
कही खिड़की से आती
एक पतली किरण जगमगाई
मन के गुबार में
जाले बुनते - बुनते
यही परिणाम समक्ष आया -

मै अच्छी थी
हाँ
मै अच्छी थी
इसलिए -
बाहर हूँ आज
उस जिन्दगी से .....
टूटे हुए तारे सी ......



प्रियंका राठौर

20 comments:

  1. शक्ति-स्वरूपा माँ आपमें स्वयं अवस्थित हों .शुभकामनाएं.

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  2. टूटे हुए तारे का अस्तित्व नहीं रहता ..तो जुडना तो पड़ेगा ... अच्छी अभिव्यक्ति ..

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  3. आप अच्छी अब भी हैं... बहुत सुन्दर वाह!

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  4. ji haan ap achchhi thin achhi hain or achhi hi rhengi .....akhtar khan akela kota rajsthan

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  5. मै अच्छी थी
    हाँ
    मै अच्छी थी
    इसलिए -
    बाहर हूँ आज
    उस जिन्दगी से .....
    टूटे हुए तारे सी .....
    ..kasmkash bhari jindagi ke sundar baangi..
    Navratri kee haardik shubhkamnayen!

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  6. bahut khub ....jindagi ka ek ye bhi rang hai

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।माता रानी आपकी सभी मनोकामनाये पूर्ण करें और अपनी भक्ति और शक्ति से आपके ह्रदय मे अपनी ज्योति जगायें…………सबके लिये नवरात्रि शुभ हों

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  8. वाह ...बहुत बढि़या ।

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  9. टूटे तारों की तो अपनी नियति होती है ... पर पाना लेखा अपने आप होता है ... सुन्दर रचना ...

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  10. मै अच्छी थी
    हाँ
    मै अच्छी थी
    इसलिए -
    बाहर हूँ आज
    उस जिन्दगी से .. BAHUT ACHHI ho

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  11. आप अच्छी थीं और अब भी अच्छी हैं :) समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://mhare-anubhav.blogspot.com/2011/09/2011.html

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  12. बहुत ही सुंदर .....प्रभावित करती बेहतरीन पंक्तियाँ ....

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  13. ... नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं....
    आपका जीवन मंगलमयी रहे ..यही माता से प्रार्थना हैं ..
    जय माता दी !!!!!!

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  14. आज का सत्य..अच्छा होना ही बाहर होना है,सुन्दर!!

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  15. नई पुरानी हलचल से आपकी इस पोस्ट पर आना हुआ.

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति है,आपकी.
    आभार.

    नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.

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  16. आप की रचना अच्छी है.... आप भी अच्छी हैं!
    नवरात्री की शुभकामनायें!

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  17. सच में अच्छी थी ....भावना अच्छी हो तो जीवन भी अच्छा चल पड़ता है ......सुंदर भाव

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  18. बहुत ही बढ़िया।

    सादर

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