Tuesday, October 19, 2010

बारिश की बूंदें......






रिमझिम बारिश की बूंदें ,
तुम्हारी बातों की तरह ,
मन को भिगो रही हैं !
बिजली की चमक में ,
कही तुम्हारी -
हंसी की मिठास है !
हवा की ठंडक में ,
कही तुम्हारे -
अनछुए स्पर्श का आभास है !

रिमझिम बारिश की बूंदें ,
तुम्हारी यादों की तरह ,
तन को भिगो रही है !
बादलों की गड़गड़ाहट में ,
कही तुम्हारे-
होने का अहसास है !
पत्तों  के कम्पन  में ,
कही तुम्हारी -
बाँहों  में  सिमटने  की आस है !

रिमझिम बारिश की बूंदें ,
तुम्हारी बातों की तरह .........!!





प्रियंका  राठौर  

1 comment:

  1. रिमझिम बारिश की बूंदें ,
    तुम्हारी बातों की तरह ........

    -वाह!! बहुत सुन्दर..

    ReplyDelete