जो कह दो तुम एक बार !
उड़ चलूँ मै चाँद के पार !!
जो कह दो तुम एक बार !
भर लूँ अपने जीवन में श्रंगार !!
जो कह दो तुम एक बार !
प्रेम ही बन जाये मुक्ताहार !!
जो कह दो तुम एक बार !
नियति की भी हो जाये हार !!
जो कह दो तुम एक बार !
बढ जाये प्रार्थनाओं की शक्ति अपार !!
जो कह दो तुम एक बार !
जीवन भी दूँ अपना वार !!
जो कह दो तुम एक बार !
जो कह दो तुम एक बार !!
प्रियंका राठौर
सुंदर और भावपूर्ण कविता...
ReplyDeleteभावों का यह क्रम बना रहे यही अभिलाषा है।
शुभकामनाएं ।
वाह ! बेहद सुन्दर अनुभूति।
ReplyDeleteकविता का इतना आईडिया नहीं है पर पढ़कर अच्छा लगा
ReplyDeleteथैंक्स
bahut hee pyaare aur pyaar se paripoorna kavita...
ReplyDeleteजो कह दो तुम एक बार ............ कविता पड़कर अच्छा लगा ! लेकिन जिसके कहने भर से इतनी सारी बाते हो जाएँगी वो है कोन ! ........ अच्छा रहने दो
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति....
ReplyDeleteनवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।
जो कह दो तुम एक बार !
ReplyDeleteजीवन भी दूँ अपना वार !!
जो कह दो तुम एक बार !
जो कह दो तुम एक बार !!
..बहुत ख़ूबसूरत...ख़ासतौर पर आख़िरी की पंक्तियाँ....मेरा ब्लॉग पर आने और हौसलाअफज़ाई के लिए शुक़्रिया..
बहुत ही सुन्दर भाव समेटे अनुपम प्रस्तुति ।
ReplyDeleteजो कह दो तुम एक बार !
ReplyDeleteजीवन भी दूँ अपना वार !!
beautiful lines with devotion and dediction.
rest is ..........
जो कह दो तुम एक बार !
ReplyDeleteजीवन भी दूँ अपना वार !!
beautiful lines with devotion and dediction.
rest is ..........