Tuesday, October 26, 2010

दीपक






बनना है मुझको -
दीपक समान ,
जो जलता है स्वयं
पर देता है जग को ज्योति  दान !
जलना है मुझको ऐसे
दे सकूं मै जग को जीवन दान !
इसलिए -
खुद मिटकर
रखना होगा जग को जिन्दा ,
यही है मेरा धर्म ,
यही है मेरा कर्तव्य ,
और यही है -
मेरा जीवन लछ्य !




प्रियंका राठौर

2 comments:

  1. यही है मेरा धर्म ,
    यही है मेरा कर्तव्य ,
    और यही है -
    मेरा जीवन लछ्य !

    अरे वाह.....बहुत खूब......आपका लेखन शानदार है .

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  2. bahut khoob Priyanka sister...........me to fan ho gaya apka

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