तेरे होने से ,
खुशियाँ नजर आती हैं ,
सपनों की सुंदर लड़ियाँ ,
बिखर सी जाती हैं ,
तारों की चमक -
अपनी सी लगती है ,
कही अंदर एक किरण
झिलमिला सी जाती है !
शायद आज -
भावों का सही मतलब
समझ पाई हूँ !
क्या होता है पवित्र भाव ,
अंतस से देख पाई हूँ !
होने ना होने पर भी ,
होने का अहसास ,
महसूस कर पाई हूँ !
दूरी में भी
नजदीकी नजर आती है ,
सपनों की सुंदर लड़ियाँ
बिखर सी जाती हैं ..........!
प्रियंका राठौर
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteसुन्दर और भावपूर्ण कविता..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteआप बहुत सुंदर लिखती हैं. भाव मन से उपजे मगर ये खूबसूरत बिम्ब सिर्फ आपके खजाने में ही हैं
keep writing......all the best
ReplyDeletePriyanka ji...
bahut khoobsurat ...
ReplyDeletepriyanka ji thank u soooo much for the wonderful lines u had written .... sure we can definatly be friends ...
ReplyDeletetried sending u a req on orkut ... could not ... sent u a msg instead... kindly see that ... and send a req..
ReplyDeleteअच्छा प्रयास है! keep it up
ReplyDeletekalam men shakti hai uska prayog karte rahiye
ReplyDeleteaap sabhi ka bhut bhut dhanybad....
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