आदमी तो बढ रहे हैं ,आदमी फिर भी हैं कम ,जी हाँ आदमी तो आदमियत से बनते हैं शायद वही खोता जा रहा है. सुन्दर रचना
दिल को छू लेने वाली रचना, बधाई
आदमी तो बढ रहे हैं ,
ReplyDeleteआदमी फिर भी हैं कम ,
जी हाँ आदमी तो आदमियत से बनते हैं शायद वही खोता जा रहा है.
सुन्दर रचना
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