Tuesday, October 19, 2010

"श्वेत समर्पण "






"दृष्टिहीन  का
कल्पित रंग -
"श्वेत समर्पण "
जैसे -
आस हो कोपल की
बंजर में !
बहाव नीर का हो
अंजलि में !
सर्व समर्पित
श्वेत समर्पण ..........
श्रद्धांजली अर्पित
श्वेत समर्पण .........."





प्रियंका राठौर


5 comments:

  1. आस हो कोपल की
    बंजर में !

    आस .. विश्वास .. और फिर श्वेत समर्पण
    बहुत खूब

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  2. हुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति..अच्छा बांधा है.

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  3. बहुत अच्छी प्रस्तुति।

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